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SEBI चीफ की सफाई से और सवाल खड़े हो रहे हैं , क्या वो इस्तीफा देंगी


हिंडनबर्ग रिपोर्ट आकर एक हफ़्ता हो गया. इस रिपोर्ट पर SEBI, SEBI चीफ़ माधवी पुरी बुच और अदाणी ग्रुप की सफ़ाई आ चुकी है. फिर भी SEBI चीफ़ पर सवाल बने हुए हैं. हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में SEBI चीफ़ पर तीन आरोप है, सिलसिलेवार तरीक़े से इनका हिसाब किताब करते है.


  • माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल ने मॉरीशस के उसी फंड में पैसे लगाए थे जिसमें गौतम अदाणी के भाई विनोद का भी निवेश था. इस फंड के मैनेजर अनिल आहूजा अदाणी की कंपनियों में डायरेक्टर भी थे.विनोद पर ऐसे ही फंड से अदाणी ग्रुप के शेयर ख़रीदने का आरोप लगा है. इससे बाज़ार में शेयरों के दाम बढ़ते रहे.बिना बताए चुपचाप अपनी कंपनी के शेयर ख़रीदना ग़ैर क़ानूनी है. 


  • इसके जवाब में माधवी ने माना कि 2015 में उन्होंने उस फंड में पैसे लगाए थे क्योंकि अनिल आहूजा उनके पति के बचपन के दोस्त हैं.तब वो SEBI में नहीं थी और अपने पति के साथ सिंगापुर में रहती थीं. अनिल ने फंड छोड़ा तो उन्होंने भी 2018 में यूनिट्स बेच दिए.इस फंड ने अदाणी के शेयरों में निवेश नहीं किया था. उन्होंने सारी जानकारी SEBI को दे दी थी. माधवी के कहने का आशय यह है कि कोई Conflict of interest नहीं था. 



  • सवाल फिर भी उठ रहे हैं क्योंकि जिस IPE Plus फंड में माधवी के पैसे लगे थे उसे चलाने वाली मॉरीशस की Trident Trust कंपनी के दो फंड EM Resurgent Fund and Emerging India Focus Funds की जाँच SEBI कर रहा है. इन फंड पर अदाणी के शेयरों में पैसे लगाने को लेकर जाँच चल रही है कि इनके पीछे कौन है या यूँ कहिए कि क्या इसमें अदाणी के ही पैसे लगे हैं. अब तक यह साफ़ नहीं है कि माधवी ने ख़ुद को इसकी जाँच से अलग किया था या नहीं? 


  • माधवी पर दूसरा आरोप है कि उनके पति धवल 2019 में ब्लैक स्टोन के एडवाइज़र बने. ब्लैक स्टोन भारत में रियल इस्टेट में निवेश बढ़ा रहा था और SEBI ने उसमें मदद की है. 


  • माधवी का जवाब है कि धवल की नियुक्ति की जानकारी SEBI के दी गई थी. उन्होंने ख़ुद को ब्लैक स्टोन के मामले से अलग कर लिया था लेकिन अब Morning Context की रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्लैक स्टोन का कई कंपनियों में निवेश है जैसे इंडिया बुल हाउसिंग, ASK इन्वेस्टमेंट, केयर हॉस्पिटल, आधार हाउसिंग फ़ाइनेंस, Mphasis. इस साल SEBI की मंज़ूरी के बाद आधार का IPO आया है. ऐसा एक उदाहरण Essel ProPack Ltd ( अब नाम EPL)  को लेकर भी दिया गया है. माधवी के पति धवल EPL में डायरेक्टर हैं. ब्लैक स्टोन ने अशोक गोयल ट्रस्ट से EPL के 51% शेयर ख़रीदे. ट्रस्ट के अतुल गोयल पर Zee के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप लगा. ख़ुद माधवी पुरी बुच ने उनको बरी करने का ऑर्डर दिया. 


  • माधवी पर तीसरा आरोप है कि वो दो कंपनियाँ चला रही थी एक भारत में और दूसरी सिंगापुर में. माधवी का कहना है कि SEBI ज्वाइन करने के बाद दोनों ने काम बंद कर दिया था. 2019 में उनके पति ने रिटायरमेंट के बाद कंसलटेंट का काम शुरू किया. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक़ Agora Advisory में माधवी की 99% की मालिक हैं. इस कंपनी की आमदनी 2017 से 3.71 करोड़ रुपये है. 


  • माधवी 2017 से SEBI में काम कर रही हैं. SEBI के नियम कहते हैं कि आप दूसरे सोर्स से सैलरी या फ़ीस नहीं ले सकते हैं. अगर सरकार या SEBI ने उन्हें इससे छूट दी है तो इसकी जानकारी नहीं है. इस बात की जानकारी भी नहीं है कि इस कंपनी के क्लाइंट कौन हैं? क्या SEBI से उनका कोई वास्ता पड़ा है?



पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग SEBI के बोर्ड मेंबर भी रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि माधवी ने उनके कार्यकाल में बोर्ड के सामने निवेश को लेकर कोई जानकारी नहीं दी थी. अगर जानकारी दी गई थी तो वो तत्कालीन चेयरमैन अजय त्यागी को दी गई होगी. त्यागी का कोई बयान नहीं आया है, लेकिन गर्ग का कहना है कि इन आरोपों के बीच माधवी का पद पर बने रहना ठीक नहीं है.


 
 
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