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तिरुपति मंदिर में टोकन लेने के दौरान भगदड़, 6 श्रद्धालुओं की मौत, 25 लोग घायल

Updated: Jan 18

हजारों श्रद्धालु वैकुंठ द्वार दर्शन टोकन के लिए तिरुपति के विभिन्न टिकट केंद्रों पर कतार में खड़े थे. यह घटना उस समय हुई जब श्रद्धालुओं को बैरागी पट्टीडा पार्क में कतार में लगने की अनुमति दी गई थी. भगदड़ मचने से वहां अफरा-तफरी मच गई, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई. इनमें मल्लिका नाम की एक महिला भी शामिल है.


आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में बुधवार को वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट केंद्रों के पास भगदड़ मचने से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. करीब 25 लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दरअसल, सुबह से ही हजारों श्रद्धालु वैकुंठ द्वार दर्शन टोकन के लिए तिरुपति के विभिन्न टिकट केंद्रों पर कतार में खड़े थे. यह घटना उस समय हुई जब श्रद्धालुओं को बैरागी पट्टीडा पार्क में कतार में लगने की अनुमति दी गई थी. वैकुंठ द्वार दर्शन दस दिन के लिए खोले गए हैं, जिसके चलते टोकन के लिए हजारों की संख्या में लोग जुट रहे हैं.


तिरुपति में भगदड़ मच गई

भगदड़ मचने से वहां अफरा-तफरी मच गई, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई. इसमें मल्लिका नाम की एक महिला भी शामिल है. हालात बिगड़ता देख तिरुपति पुलिस ने मोर्चा संभाला और स्थिति को नियंत्रित किया. बताया जा रहा है कि दर्शन के लिए टॉकन की लाइन में करीब 4,000 लोग लगे थे. स्थिति को लेकर सीएम चंद्रबाबू नायडू ने मंदिर समिति के चेयरमैन बीआर नायडू से फोन पर बात की. साथ ही मुख्यमंत्री गुरुवार सुबह 10 बजे घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचेंगे.


सीएम चंद्रबाबू नायडू ने जताया दुख

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति में विष्णु निवासम के पास तिरुमाला श्रीवारी वैकुंठ द्वार में दर्शन के लिए टोकन लेने के लिए हुई भगदड़ में चार श्रद्धालुओं की मौत पर गहरा दुख जताया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस घटना से बहुत दुखी हैं. यह घटना उस समय हुई जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु टोकन लेने के लिए एकत्र हुए थे. मुख्यमंत्री ने घटना में घायलों को दिए जा रहे उपचार के बारे में अधिकारियों से फोन पर बात की. मुख्यमंत्री समय-समय पर जिला और टीटीडी अधिकारियों से बात करके मौजूदा स्थिति से अवगत हैं. मुख्यमंत्री ने उच्च अधिकारियों को घटना स्थल पर जाकर राहत उपाय करने का आदेश दिया है, ताकि घायलों को बेहतर उपचार मिल सके.


जगन मोहन रेड्डी ने श्रद्धालुओं की मौत पर दुख जताया

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भगदड़ में श्रद्धालुओं की दुखद मौत पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया. उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की और सरकार से घायलों के लिए सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने का आग्रह किया. उन्होंने अस्पतालों में इलाज करा रहे घायल श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की.


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एसपी कर रहे टोकन केंद्रों की निगरानी

तिरुपति के डीआईपीआरओ ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार सुबह से शहर के 8 इलाकों में भक्तों को वितरित किए जाने वाले वैकुंठ एकादशी टोकन के लिए कई लोग पहले से ही उन इलाकों में जाकर लाइन में लग गए. बैरागी पट्टेडा और एमजीएम स्कूल सेंटर में हुई घटना में कई लोगों के घायल होने की जानकारी मिलने पर जिला कलेक्टर डॉ. एस. वेंकटेश्वर और जॉइंट कलेक्टर शुभम बंसल तुरंत रुया अस्पताल पहुंचे, स्थिति की समीक्षा की और घायलों को बेहतर उपचार प्रदान करने के लिए कदम उठाए. घटना के बाद एसपी सुब्बारायडू टोकन जारी करने वाले केंद्रों पर व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं.


10 से 19 जनवरी के लिए खोले गए वैकुंठ द्वार

एक दिन पहले ही तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) जे श्यामला राव ने 10 से 19 जनवरी, 2025 तक आयोजित होने वाले वैकुंठ एकादशी और वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए विस्तृत व्यवस्थाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की थी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि आम तीर्थयात्रियों को वैकुंठ द्वार दर्शन प्रदान करना टीटीडी की सर्वोच्च प्राथमिकता है.


राव ने घोषणा की थी कि टीटीडी ने इस अवधि के दौरान सात लाख भक्तों को समायोजित करने के लिए व्यापक व्यवस्था की है. उन्होंने बताया था कि वैकुंठ द्वार दस दिनों तक खुला रहेगा, जिसमें सभी तीर्थयात्रियों के लिए सुचारू और सुरक्षित दर्शन अनुभव सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विशेष प्रोटोकॉल लागू होंगे. 10 जनवरी को दर्शन सुबह 4.30 बजे प्रोटोकॉल दर्शन से शुरू होगा, उसके बाद सुबह 8 बजे सर्व दर्शन होगा.

 
 
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