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नागपुर में 2000 रुपये के नोट बदलने वाले रैकेट का भंडाफोड़, मूंगफली बेचने वाला निकला मास्टरमाइंड


नागपुर में पुलिस ने 2000 रुपये के नोट बदलने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है. हैरान करने वाली बात ये है कि इस रैकेट का मास्टरमाइंड एक मूंगफली बेचने वाला विक्रेता है. ये लोग अपना आधार कार्ड जमा करके रिज़र्व बैंक में 2000 रुपये के नोटों को 500 रुपये के नोटों में बदलते थे.


नागपुर में पुलिस ने 2000 रुपये के नोटों को कमीशन पर बदलने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश किया है. इस रैकेट का संचालन एक मूंगफली बेचने वाला व्यक्ति कर रहा था, जो संविधान चौक क्षेत्र में ठेला लगाता है. इस क्षेत्र में रिज़र्व बैंक कार्यालय और महाराष्ट्र विधान भवन भी स्थित हैं. पुलिस ने इस मामले में मूंगफली विक्रेता नंदलाल मौर्य सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है.


कैसे काम करता था रैकेट?

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक नंदलाल मौर्य ने गरीब पुरुषों और महिलाओं को कमीशन पर काम पर रखा था. ये लोग अपना आधार कार्ड जमा करके रिज़र्व बैंक में 2000 रुपये के नोटों को 500 रुपये के नोटों में बदलते थे. इसके लिए उन्हें 300 रुपये का कमीशन दिया जाता था. मौर्य खुद भी पहले 2000 रुपये के 10 नोट बदल चुका था और प्रक्रिया सीखने के बाद उसने इस रैकेट को चलाना शुरू कर दिया.


आरोपी और सरगना गिरफ्तार

पुलिस ने मौर्य के साथ तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें रोहित बावने (34), किशोर बहोरिया (30) और अनिल जैन (56) शामिल हैं. जैन, जो मध्य प्रदेश के जबलपुर का निवासी है, वो इस रैकेट का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. पुलिस के अनुसार, जैन ने मौर्य को 10 नोटों को बदलने पर 200 रुपये का कमीशन देने का वादा किया था. शनिवार को पुलिस ने मौर्य के ठिकाने पर छापा मारा और 60,000 रुपये नकद बरामद किए, जिनमें 500 रुपये के 120 नोट शामिल थे. रोहित बावने के पास से 62,500 रुपये और किशोर बहोरिया के पास से 80,000 रुपये बरामद किए गए.


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जांच में हुआ खुलासा

पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह रैकेट अनिल जैन के निर्देशन में चल रहा था, जिसके पास बड़ी मात्रा में 2000 रुपये के पुराने नोट होने की संभावना है. जैन इन नोटों को अलग-अलग ग्राहकों से इकट्ठा करता था और मौर्य की मदद से उन्हें 500 रुपये के नोटों में बदलवाता था. गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोटों को प्रचलन से वापस लेने की घोषणा की थी. इसके बाद से इन नोटों को बदलने के लिए आरबीआई की ओर से विशेष व्यवस्था की गई थी.


आगे की जांच जारी

पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस रैकेट में और कौन-कौन शामिल हैं और कितने पैसे अब तक बदले जा चुके हैं. यह कार्रवाई आरबीआई की नीति का दुरुपयोग रोकने और वित्तीय अपराधों पर लगाम लगाने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं.

 
 
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